इस भजन में भक्त श्री हनुमान के चरणों में आकर्षित होता है और अपनी समस्याओं की रक्षा के लिए उनसे कृपा याचना करता है। गायक द्वारा प्रस्तुत किया गया है, इस भजन में भक्तों को भव्य संगीत और भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा का अनुभव होता है।<br /><br />श्री हनुमान जी के मधुर भजन सुनने के लिए नीचे दिए गये लिंक पे क्लिक करें और भजनों का आनंद ले | https://www.youtube.com/playlist?list=PLWfT09ZYx4FI1PY7Rc5Vfl-Q0wRnRLSJY<br /><br />Credits:-<br />Bhajan - Hum Aaye Tere Dware Karde Bhali<br />Singer - S P. Jalalpuri <br />Lyrics - Raj Mahajan<br />Record Label - Moxx Music<br />Producer - Ashwani Raj<br />Video Edit - Jatin Sharma<br />Recording, Mastering, and Mixing At Moxx Studio<br />Digital Partner - BinacaTunes Media Pvt Ltd<br /><br /> आप सभी भक्तों से अनुरोध है कि @MoxxMusicBhakti चैनल को सब्सक्राइब करें व भजनो का आनंद ले अन्य भक्तों के साथ Share करें व Like जरूर करें<br /><br />Subscribe to Moxx Music Bhakti on Youtube: <br />https://www.youtube.com/MoxxMusicBhakti<br /><br />Follow us o Facebook for regular updates:<br />https://www.facebook.com/MoxxMusicBhakti/<br /><br />Follow us on Instagram for new video updates:<br />✌https://www.instagram.com/moxxmusicbhakti/<br /><br />Lyrics :-<br /><br />एक तू ही बड़ा वीर बजरंग बली, <br /> हम आए तेरे द्वारे पै करदे भली,, <br /><br />सारी दुनिया में ऊँची तेरी शान है, <br /> तेरे जैसा यहाँ कौन बलवान है,, <br />जो करी तूने वो है तपस्या फली, <br />हम आए तेरे द्वारे पै करदे भली,,<br /><br /> तूने दुनियाँ ऊँचा किया नाम है, <br />राम की सेवा करना, तेरा काम है,, <br />खोज कर लाए तुम तो जनक की लली, <br />हम आए तेरे द्वारे पै करदे भली,,<br /> <br />खोज करने सिया की,किया कूंच है, <br />तेल में बोर दीनी तेरी पूँछ है,, <br />लंक सोने की तो, घास जैसे जली, <br />हम आए तेरे द्वारे पै करदे भली,<br /><br />तेरे द्वारे पै आए भरोसा लिए, <br />तूने लाखों के दुख दरद सब हर लिए,, <br />जिसपे तेरी कृपा उसकी ब्याधा टली, <br />हम आए तेरे द्वारे पै करदे भली,,<br /><br />#shrihanumanbhajan #newhanumanbhajan #bajrangbalinewsong #2024specialbhajan #bhajan #bhaktibhajan #ramhanumanbhajan #trendingbhajan #hindubhaktibhajan